चर्मणवती चंबल का प्राचीन नाम है। ऋग्वेद के नदिस्तुति सूक्त में नदियों की प्रशंसा का एक मंत्र है जिसमें निम्नलिखित 10 नदियों का उल्लेख है: गंगा, यमुना, सरस्वती, सुतुद्रि, परुष्णी, असिक्नी, मरुद्वृद्धा, वितस्ता, अर्जिकिया और सुसोमा। शुतुद्रि सतलुज थी, परुष्णी रावी थी, असिक्नी चिनाब थी और वितस्ता झेलम थी। सुतुद्रि, परुष्णी, असिक्नी, वितस्ता और विपाशा ये 5 नदियाँ सिंधु नदी की सहायक थीं। सरस्वती और सिंधु के साथ मिलकर ये 5 नदियाँ सप्त सिंधु का निर्माण करती थीं।
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