जनवरी 1615 में सर थॉमस रो सम्राट जहाँगीर के अंग्रेजी राजदूत बने। उन्होंने दो फरमान हासिल किए, एक सूरत में अंग्रेजी निवास के लिए और दूसरा 17000 ममुदी के मुआवजे के लिए। उनकी कूटनीति ने भारत में भविष्य के ब्रिटिश व्यापार का मार्ग प्रशस्त किया। रो ने जहाँगीर की यूरोपीय कला में रुचि को नोट किया और उन्हें एक दुर्लभ रथ भेंट किया। उनके जर्नल मुगल दरबार के जीवन में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं, जिसमें जहाँगीर का अफीम उपयोग और उनकी पत्नी नूरजहाँ का प्रभाव शामिल है।
This Question is Also Available in:
English