प्रतिदिन दो बार गरम दूध का अर्घ्य देना
1869 से 1873 के बीच दयानंद सरस्वती ने भारत में गुरुकुल (वैदिक विद्यालय) स्थापित किए। इन विद्यालयों में छात्रों को मूर्ति पूजा से दूर रखा जाता था। इसके बजाय वे संध्यावंदनम (वैदिक मंत्रों और दिव्य ध्वनि के साथ ध्यानमय प्रार्थना) और अग्निहोत्र (प्रतिदिन दो बार गरम दूध का अर्घ्य) करते थे।
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