क्रोमियम मुख्य रूप से क्रोम टैनिंग प्रक्रिया से निकलने वाले अपशिष्ट में पाया जाता है। यह रीटैनिंग प्रणाली का हिस्सा होता है और रीटैनिंग व रंगाई प्रक्रिया के दौरान चमड़े से अलग हो जाता है। यह क्रोम घुलनशील रूप में निकलता है, लेकिन जब इसे अन्य प्रक्रियाओं से निकलने वाले टैनरी अपशिष्ट जल (विशेष रूप से यदि प्रोटीन मौजूद हो) के साथ मिलाया जाता है तो प्रतिक्रिया बहुत तेज होती है। इससे प्रोटीन-क्रोम के रूप में अवक्षेप बनते हैं, जो कीचड़ निर्माण में योगदान देते हैं। यदि क्रोम उत्सर्जन अत्यधिक हो तो क्रोमियम घोल में बना रह सकता है। कम मात्रा में भी यह डैफनिया पर विषैला प्रभाव डालता है, जिससे मछलियों के लिए खाद्य श्रृंखला बाधित हो सकती है और प्रकाश संश्लेषण भी प्रभावित हो सकता है।
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