Q. ‘अष्टांग हृदय’ किसने लिखा?
Answer: वाग्भट
Notes: प्रसिद्ध आयुर्वेदिक ग्रंथ ‘अष्टांग हृदय’ आचार्य वाग्भट द्वारा लिखा गया था। वाग्भट बौद्ध धर्म के अनुयायी और महर्षि चरक के शिष्य थे। वे अपने परिष्कृत लेखन शैली के लिए प्रसिद्ध हैं। ‘अष्टांग हृदय’ आयुर्वेद और उसके सिद्धांतों में रुचि रखने वालों के लिए एक मूल्यवान ग्रंथ है। इसमें आयुर्वेद के आठ अंगों का उल्लेख किया गया है:
  1. चिकित्सा
  2. ऊर्ध्वजत्रु विकार (कंधे से ऊपर के अंगों के रोग)
  3. शल्य चिकित्सा
  4. अगद तंत्र (विष चिकित्सा)
  5. भूत विद्या (मानसिक रोगों की चिकित्सा)
  6. कौमारभृत्य (बाल चिकित्सा)
  7. रसायन (दीर्घायु और स्वास्थ्यवर्धन)
  8. वाजीकरण (प्रजनन शक्ति वर्धन)
‘अष्टांग हृदय’ 7वीं से 8वीं शताब्दी ईस्वी के बीच लिखा गया था। यह ‘चरक संहिता’ और ‘सुश्रुत संहिता’ के बाद संकलित किया गया था।

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