गालो जनजातियाँ, जो अरुणाचल प्रदेश के सबसे बड़े जातीय समूहों में से एक हैं, मुख्य रूप से गालो भाषा बोलती हैं, जो तिब्बती-बर्मी भाषा परिवार में आती है। इस भाषा की विशेषता इसके अनूठे ध्वन्यात्मक और व्याकरणिक संरचनाओं में है। गालो लोगों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत भी है, जिसमें पारंपरिक संगीत, नृत्य और त्योहार शामिल हैं, जो उनके ऐतिहासिक मूल और सामुदायिक मूल्यों को दर्शाते हैं।
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