ऑल इंडिया वुमेंस कॉन्फ्रेंस
हंसा मेहता उस समय के नेताओं से प्रेरित थीं। उन्होंने पूरे भारत में यात्रा कर महिलाओं से मुलाकात की और उन्हें जागरूक किया। वे एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद और समर्पित समाजसेवी थीं। उनका मानना था कि जब तक महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार नहीं होगा, तब तक सामाजिक सुधार संभव नहीं है। वे 1927 में स्थापना के समय से ही ऑल इंडिया वुमेंस कॉन्फ्रेंस से जुड़ी रहीं।
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