निंबार्क सनक संप्रदाय के संस्थापक थे। उन्होंने द्वैताद्वैत या भेदाभेद की वैष्णव सिद्धांत को प्रचारित किया। उनके अनुसार ब्रह्म, आत्मा और संसार एक जैसे होते हुए भी अलग हैं। विलय के बाद भी उनकी अलग पहचान बनी रहती है।
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