रामसर कन्वेंशन 2 फरवरी 1971 को ईरान के रामसर में अपनाया गया था। इसका उद्देश्य विश्वभर में आर्द्रभूमियों का संरक्षण करना है। इसमें झीलों और दलदलों सहित कई जल निकायों को आर्द्रभूमि के रूप में मान्यता दी गई है, बशर्ते कि ज्वार के समय उनकी गहराई 6 मीटर से अधिक न हो। इस दिन को हर साल विश्व आर्द्रभूमि दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में 10 रामसर स्थल हैं, लेकिन कोई केंद्रीय आर्द्रभूमि नियामक प्राधिकरण नहीं है। इसके बजाय, परामर्श के लिए एक राष्ट्रीय आर्द्रभूमि समिति कार्यरत है।
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