26 अप्रैल 1967 तक राज्य में चौथी विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था, इस कारण राज्य में पहली बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया था।
इस समय राज्य इस समय राजस्थान के राज्यपाल डॉ. संपूर्णानंद थे तथा मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया थे।