अक्टूबर 2024 तक भारत में 11 भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है। 2004 में तमिल पहली भाषा थी जिसे यह दर्जा मिला। संस्कृत को 2005 में यह मान्यता मिली। इसके बाद 2008 में तेलुगु और कन्नड़, 2013 में मलयालम, 2014 में ओड़िया, और 2024 में मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बांग्ला को यह दर्जा दिया गया। गृह मंत्रालय ने शुरुआत में तमिल और संस्कृत को यह मान्यता दी थी, बाद में संस्कृति मंत्रालय ने इस प्रक्रिया की जिम्मेदारी संभाली।
This Question is Also Available in:
English