अनुच्छेद 21 के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को उसकी जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जा सकता जब तक कि यह कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार न हो। यह अनुच्छेद जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा केवल कार्यपालिका ही नहीं बल्कि विधायिका से भी करता है। यह अधिकार नागरिकों के साथ-साथ गैर-नागरिकों पर भी लागू होता है।
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