राजा राम मोहन राय ने 1828 में ब्रह्म समाज की स्थापना की और भारत में पश्चिमी शिक्षा की शुरुआत की। उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा देशी शिक्षा के समर्थन का विरोध किया और संस्कृत व फारसी के स्थान पर अंग्रेजी को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने वैज्ञानिक शिक्षा को बढ़ावा दिया और भारत में पश्चिमी शिक्षा के प्रसार के लिए कड़ी मेहनत की। उनके प्रयासों से 1817 में कलकत्ता में हिंदू कॉलेज की स्थापना हुई।
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