चीनी तीर्थयात्री ह्वेनसांग हर्षवर्धन के शासनकाल में प्रामाणिक बौद्ध ग्रंथों की खोज के उद्देश्य से भारत आए थे। ह्वेनसांग के सम्मान में और महायान बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए कन्नौज सभा (643 ईस्वी) आयोजित की गई थी। उन्होंने लगभग 15 वर्षों तक भारत में रहकर अपने अनुभवों को 'सी-यू-की' नामक पुस्तक में दर्ज किया। यह पुस्तक देश के धर्म, रीति-रिवाजों और परंपराओं पर प्रकाश डालती है।
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