रूस में शासन प्रणाली निरंकुश थी। सम्राट, जिसे जार कहा जाता था, उसकी शक्ति पर कोई संवैधानिक सीमा नहीं थी। इसलिए, कथन 1 सही है। 1905 की क्रांति में जार को कुछ रियायतें देने के लिए मजबूर किया गया। उसने 'ड्यूमा' नामक संसद बनाने की अनुमति दी, लेकिन जल्द ही यह जार के समर्थकों से भर गई और प्रभावहीन हो गई। अंततः 1917 की बोल्शेविक क्रांति में इसे हटा दिया गया। इसलिए, कथन 2 भी सही है। 'सोवियत' शब्द का अर्थ परिषद होता है, जो मुख्य रूप से औद्योगिक श्रमिकों और स्थानीय सैनिकों की होती थी। बोल्शेविक क्रांति के दौरान पूरे रूस में स्थानीय सोवियत गठित हुए, जिन्होंने केंद्रीय सोवियत के लिए प्रतिनिधि भेजे। इसलिए, कथन 3 भी सही है।
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