इक्तादारी प्रणाली इल्तुतमिश के शासनकाल में विकसित की गई थी जिसमें साम्राज्य को कई इक्ताओं में बांटा गया था। ये इक्ताएं अमीरों, अधिकारियों और सैनिकों को प्रशासन और राजस्व वसूली के लिए दी जाती थीं। इक्ताएं हर 3 से 4 साल में स्थानांतरित की जाती थीं। छोटे इक्ताओं पर सैनिकों का अधिकार होता था लेकिन उनके पास प्रशासनिक जिम्मेदारियाँ नहीं होती थीं। यह प्रणाली बिना राज्य पर अतिरिक्त बोझ डाले स्थायी सेना को बनाए रखने में सहायक थी। इल्तुतमिश ने इक्ताओं का रिकॉर्ड रखने के लिए दीवान-ए-अर्ज की स्थापना की थी।
This Question is Also Available in:
English