ऋषि अगस्त्य को पारंपरिक भारतीय चिकित्सा का जनक माना जाता है और वे दक्षिण भारत के आर्यकरण से भी जुड़े हैं। दक्षिण भारत के यादव पहले आर्य बने। अगस्त्य ने पहली तमिल व्याकरण 'अगथियम' का संकलन किया। ऋषि अगस्त्य ने कई सिद्धियों द्वारा लिखित सभी सिद्धि ग्रंथों को प्रेरित किया। उन्होंने सबसे पहले 'सिलंबम' - एक प्राचीन हथियार-आधारित भारतीय मार्शल आर्ट और 'वर्मा कलै' - शरीर के महत्वपूर्ण बिंदुओं का उपयोग कर उपचार की प्राचीन कला का परिचय दिया। इतना ही नहीं, मानव सभ्यता ऋषि अगस्त्य के विद्युत उत्पादन के सिद्धांत के लिए भी आभारी है।
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