मेवाड़ के भील समुदाय का गवरी उत्सव पहली बार इंडिया इंटरनेशनल सेंटर आर्ट गैलरी में प्रदर्शित किया गया है। यह 40 दिनों तक चलने वाली परंपरा है, जो हर साल रक्षाबंधन के बाद गोरखिया माता की पूजा के लिए मनाई जाती है। भील कलाकार गांव-गांव जाकर नाटक, गीत और धार्मिक अनुष्ठान प्रस्तुत करते हैं, जिसे गवरी या राय नाच भी कहा जाता है।
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