ख्वाजा हुसैन नागौरी
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 1235 ईस्वी में निधन हुआ और उन्हें उसी स्थान पर दफनाया गया जहां वे रहते थे। 15वीं शताब्दी में ख्वाजा हुसैन नागौरी ने उनकी कब्र पर मकबरा बनवाया, जिससे अजमेर शरीफ दरगाह एक प्रमुख तीर्थ स्थल बन गई। यह मकबरा मुगल वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। सम्राट अकबर ने यहां 14 बार दर्शन किए और ज़ायरीनों के लिए भोजन पकाने के लिए एक बड़ी देग भेंट की।
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