उत्तराखंड ने अपनी नई आबकारी नीति के तहत कोटद्वार में पहला वाइन उत्पादन केंद्र शुरू किया है ताकि वाइन पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके। वाइन पर्यटन में वाइन इकाइयों के दौरे, वाइन के इतिहास और उत्पादन की जानकारी और चखने के अनुभव शामिल हैं। वाइन इकाइयों के पास गेस्ट हाउस विकसित किए जा रहे हैं ताकि पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके और क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता को प्रदर्शित किया जा सके। उत्तराखंड के प्रचुर मात्रा में फल जैसे माल्टा, सेब, बुरांश के फूल, नाशपाती और गलगल का उपयोग वाइन उत्पादन के लिए किया जाएगा। कोटद्वार में एक निजी वाइन इकाई संचालित है और बागेश्वर और चम्पावत में नई इकाइयां स्थापित करने की योजना है।
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