उत्तराखंड वन विभाग ने राज्य का पहला साइकैड गार्डन हल्द्वानी में स्थापित किया है। यह गार्डन लगभग 0.75 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है और इसमें साइकैड की 31 प्रजातियां हैं, जिनमें से 17 संकटग्रस्त हैं। इसमें भारत की 9 देशी प्रजातियां शामिल हैं जैसे कि साइकस अंडमैनिका, साइकस बेड्डोमी और साइकस सर्सिनालिस। इस परियोजना को जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) द्वारा वित्तपोषित किया गया है। साइकैड पौधे मेसोज़ोइक युग के प्राचीन पौधे हैं जिन्हें "जीवित जीवाश्म" कहा जाता है। ये धीरे-धीरे बढ़ते हैं, कम प्रजनन करते हैं और आवास नष्ट होने के कारण खतरे में हैं। ये पारिस्थितिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इनकी जड़ों में साइनोबैक्टीरिया के साथ सहजीविता के ज़रिए नाइट्रोजन स्थिरीकरण होता है। यह गार्डन अनुसंधान, संरक्षण और जन जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाया गया है।
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