1325 ईस्वी में शेख निजामुद्दीन की मृत्यु के बाद नसीरुद्दीन महमूद (चिराग-ए-दिल्ली) उनके उत्तराधिकारी बने। वे चिश्ती सिलसिले के प्रमुख सूफी संत थे। निजामुद्दीन के शिष्य होने के साथ-साथ दिल्ली सल्तनत के शासकों, विशेष रूप से मुहम्मद बिन तुगलक, द्वारा सम्मानित थे। दिल्ली में स्थित उनकी दरगाह एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
This Question is Also Available in:
English