Tuzuk-i-Jahangiri (या जहांगीरनामा) मुगल सम्राट जहांगीर की आत्मकथा है, जिन्होंने 1605 ईस्वी से 1627 ईस्वी तक भारत पर शासन किया। यह फारसी भाषा में लिखी गई है। यह आत्मकथा एक अनूठी साहित्यिक कृति है, जो उनकी अभिव्यक्ति और अवलोकन की क्षमता को दर्शाती है। इसमें उन्होंने अपने शासनकाल का इतिहास ही नहीं बल्कि कला, राजनीति और अपने परिवार से जुड़ी जानकारियां भी साझा की हैं।
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