1999 में हस्ताक्षरित लाहौर घोषणा पत्र का मुख्य उद्देश्य नाभिकीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना था। इसमें भारत और पाकिस्तान के बीच जिम्मेदार नाभिकीय आचरण और विश्वास बहाली के उपायों पर जोर दिया गया। यह समझौता 1988 के गैर-नाभिकीय आक्रमण समझौते के बाद आया और इसका उद्देश्य परमाणु हथियारों के आकस्मिक या अनधिकृत उपयोग को रोकना था। साथ ही, इसने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने का प्रयास किया।
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