सीता देवी शुरुआती प्रसिद्ध मधुबनी कलाकारों में से एक थीं और उन्होंने इस पारंपरिक कला को घर की दीवारों से कागज और कैनवास पर उतारने का कार्य किया। उन्हें 1981 में पद्मश्री, 1984 में बिहार रत्न और 2006 में शिल्प गुरु सम्मान मिला। 1984 में गंगा देवी को पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। महासुंदरी देवी को 2011 में पद्मश्री प्राप्त हुआ।
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