सीमांत गांधी अब्दुल गफ्फार खान के नेतृत्व में खुदाई खिदमतगार (ईश्वर के सेवक) एक पश्तून संगठन था, जो अहिंसक तरीकों से ब्रिटिश शासन को खत्म करने के लिए समर्पित था। 23 अप्रैल 1930 को गफ्फार खान को विदेशी शासन के खिलाफ प्रतिरोध की अपील करने वाले भाषण के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। जब और भी खुदाई खिदमतगार नेताओं को गिरफ्तार किया गया, तो बड़ी संख्या में खुदाई खिदमतगार सदस्य पेशावर के किस्सा ख्वानी बाजार में विरोध के लिए एकत्र हुए। ब्रिटिश सेना ने निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चला दीं, जिससे लगभग 200 लोग मारे गए। इस निर्मम हत्याकांड ने नवगठित खुदाई खिदमतगार आंदोलन को प्रमुखता दिलाई। दिवंगत अभिनेता ए के हंगल, जो उस समय पेशावर में स्कूल के छात्र थे, इस भयावह घटना के प्रत्यक्षदर्शी थे।
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