10 मई 1857 को मेरठ में 3rd कैवेलरी रेजिमेंट के 85 सिपाहियों को ग्रीस लगे कारतूस इस्तेमाल करने से इनकार करने पर लंबे कारावास की सजा दी गई। इसके बाद भारतीय सिपाहियों ने खुला विद्रोह कर दिया, अपने अधिकारियों को गोली मारी, साथी सिपाहियों को रिहा किया और दिल्ली की ओर कूच कर गए। मेरठ के कमांडिंग अफसर जनरल हेविट इस सैन्य विद्रोह को रोकने में असमर्थ रहे।
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