कलकत्ता में सदर निजामत अदालत नामक एक उच्च न्यायालय स्थापित किया गया था, जो फौजदारी अदालतों पर नियंत्रण रखता था। इसका प्रधान एक भारतीय न्यायाधीश दारोगा-ए-अदालत होता था, जिसे मुख्य काज़ी, मुख्य मुफ़्ती और तीन मौलवियों की सहायता प्राप्त होती थी। इन सभी की नियुक्ति गवर्नर की सलाह पर नवाब द्वारा की जाती थी।
This Question is Also Available in:
English