विशाखापत्तनम के इंदिरा गांधी प्राणी उद्यान में 28 मई को वर्ल्ड ढोल डे मनाया जा रहा है ताकि लुप्तप्राय ढोल के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके। ढोल को एशियाई जंगली कुत्ता भी कहा जाता है और इसका वैज्ञानिक नाम Cuon alpinus है। ये दक्षिण-पूर्व एशिया में पाए जाने वाले जंगली कुत्ते हैं जो अपने सामाजिक व्यवहार और समूह में शिकार करने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं। ये जंगली में आमतौर पर 10 से 13 साल और कैद में 16 साल तक जीवित रहते हैं। दुनियाभर में इनकी अनुमानित संख्या 949 से 2,215 व्यस्कों के बीच है जिनमें अधिकांश भारत और थाईलैंड में पाए जाते हैं। इनके अस्तित्व को मुख्य खतरे आवास नष्ट होना, शिकार की कमी, मानवों द्वारा उत्पीड़न, बीमारियाँ और अन्य शिकारी प्रजातियों से प्रतिस्पर्धा हैं। ढोल CITES के परिशिष्ट II में सूचीबद्ध हैं जो अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव व्यापार को नियंत्रित करता है। इन्हें IUCN रेड लिस्ट में भी लुप्तप्राय के रूप में वर्गीकृत किया गया है जो वैश्विक स्तर पर प्रजातियों की संरक्षण स्थिति को ट्रैक करती है।
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