प्रबंधित मधुमक्खियों से जंगली परागणकों में रोगजनक संक्रमण एक महत्वपूर्ण खतरा है। थाई सैकब्रूड वायरस (TSBV) मधुमक्खी के लार्वा को प्रभावित करता है, उन्हें मारता है और कॉलोनी की वृद्धि को बाधित करता है, विशेष रूप से एशियाई मधुमक्खियों (एपिस सेराना इंडिका) को खतरे में डालता है। यह वायरस परागण और शहद उत्पादन के लिए मधुमक्खी कॉलोनियों की आवाजाही के माध्यम से फैलता है। TSBV ने 1991-1992 में दक्षिण भारत में एक बड़ी महामारी पैदा की थी, जिससे लगभग 90% एशियाई मधुमक्खी कॉलोनियां नष्ट हो गई थीं। यह वायरस 2021 में तेलंगाना में फिर से उभरा और चीन व वियतनाम जैसे देशों में भी इसकी सूचना मिली है।
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