प्रसिद्ध ओड़िया कवि और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रामकांत रथ का निधन हो गया। उन्होंने साहित्य की समृद्ध विरासत छोड़ी। 30 दिसंबर 1934 को पुरी में जन्मे रथ ने कटक के रेवेंशॉ कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य की पढ़ाई की। 1956 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होकर उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों में अहम पदों पर कार्य किया। उनकी पहली काव्य संग्रह "केते दिनारा" (1962) ने ओड़िया साहित्य में नई काव्य धारा की शुरुआत की। "सप्तम ऋतु" (1977) के लिए उन्हें 1978 में केंद्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। उनकी सबसे प्रसिद्ध रचना "श्री राधा" (1985) को सरस्वती सम्मान प्राप्त हुआ। उन्हें 2006 में पद्म भूषण और 2018 में अति बाड़ी जगन्नाथ दास पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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