Q. स्वराज्य हा माझा जन्मसिद्ध हक्क आहे आणि तो मी मिळवणारच [ स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे ले कर ही रहूँगा]। यह बयान बाल गंगाधर तिलक ने कहां दिया?
Answer: न्यायालय में
Notes: बाल गंगाधर तिलक गरम दल के नेता थे। उन्होंने न्यायालय में न्यायाधीश के सामने कहा था स्वराज्य हा माझा जन्मसिद्ध हक्क आहे आणि तो मी मिळवणारच [ स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे ले कर ही रहूँगा] इसके बाद उन्हें 7 वर्षों के लिए मांडले जेल पहुंचाया गया।