आईआईटी गुवाहाटी और बोस संस्थान, कोलकाता के शोधकर्ताओं ने स्थानीय कैंसर उपचार के लिए एक उन्नत इंजेक्टेबल हाइड्रोजेल विकसित किया है। यह हाइड्रोजेल एक स्थिर भंडार के रूप में कार्य करता है जो नियंत्रित तरीके से कैंसर विरोधी दवाओं को छोड़ता है। यह स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान कम करता है और कैंसर को प्रभावी ढंग से लक्षित करता है। यह खोज स्तन कैंसर चिकित्सा में क्रांति लाने की उम्मीद है। हाइड्रोजेल प्रोटीन-आधारित अल्ट्रा-शॉर्ट पेप्टाइड्स से बना होता है जो इंजेक्शन स्थलों पर स्थिर रहता है और शरीर के तरल पदार्थों में अघुलनशील होता है। पेप्टाइड्स जैव-संगत और बायोडिग्रेडेबल होते हैं, जो सुरक्षा और प्रभावशीलता सुनिश्चित करते हैं।
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