प्रेमचंद हिंदी और उर्दू के सामाजिक कथा साहित्य के अग्रणी लेखक थे। 1880 के दशक के अंत में उन्होंने समाज में प्रचलित जाति व्यवस्था, महिलाओं और श्रमिकों की स्थिति पर लेखन किया। वे भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे प्रसिद्ध और श्रेष्ठ लेखकों में से एक माने जाते हैं। वे 20वीं सदी की शुरुआत के प्रमुख हिंदी साहित्यकारों में शामिल थे। उनकी प्रमुख कृतियों में गोदान, कर्मभूमि, गबन, मानसरोवर और "ईदगाह" शामिल हैं। 1907 में उन्होंने अपनी पहली पांच कहानियों का संकलन "सोज़-ए-वतन" नामक पुस्तक में प्रकाशित किया।
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