महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी ने हाल ही में स्पष्ट किया कि गोद लेने वाले माता-पिता को गोदनामा आदेश की हार्ड कॉपी की आवश्यकता नहीं है, ई-मेल से भेजी गई डिजिटल प्रमाणित कॉपी कानूनी रूप से मान्य है। यह संस्था महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधीन 1990 में स्थापित हुई और 2015 के जेजे एक्ट की धारा 68 के तहत वैधानिक संस्था बनी। यह देश और विदेश में बच्चों के गोद लेने की निगरानी करती है।
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