रावी, ब्यास, सतलुज
हाल ही में पहलगाम, कश्मीर में एक घातक आतंकवादी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को निलंबित कर दिया है, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। सिंधु जल संधि 19 सितंबर 1960 को भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हस्ताक्षरित हुई थी। यह संधि सिंधु नदी प्रणाली की छह नदियों के उपयोग को नियंत्रित करती है: सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज। पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों—सिंधु, झेलम और चिनाब पर पूर्ण अधिकार दिए गए थे। भारत को पूर्वी नदियों—रावी, ब्यास और सतलुज के विशेष उपयोग का अधिकार मिला। भारत को पश्चिमी नदियों का सीमित घरेलू, कृषि और जलविद्युत उद्देश्यों के लिए उपयोग करने की अनुमति थी। इस समझौते के तहत कुल जल प्रवाह का लगभग 80% पाकिस्तान और 20% भारत को मिला। संधि की निगरानी और डेटा आदान-प्रदान और सहयोग के लिए वार्षिक बैठकों को सुनिश्चित करने हेतु एक स्थायी सिंधु आयोग (पीआईसी) का गठन किया गया।
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