पुरातत्वविदों ने तमिलनाडु सरकार से अरिट्टपट्टी में टंगस्टन खनन को रोकने का आग्रह किया क्योंकि इसका पुरातात्विक और पारिस्थितिक महत्व है। पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के अध्यक्ष अन्बुमणि रामदास ने 5000 एकड़ क्षेत्र को 'संरक्षित जैव विविधता क्षेत्र' घोषित करने का प्रस्ताव रखा। मदुरै में स्थित अरिट्टपट्टी तमिलनाडु की पहली जैव विविधता धरोहर स्थल है। यहाँ भारतीय पैंगोलिन, पतला लोरिस, अजगर और 250 पक्षी प्रजातियाँ रहती हैं जिनमें लग्गर फाल्कन, शाहीन फाल्कन और बोनेली ईगल जैसे शिकारी पक्षी शामिल हैं। इस गांव में 2200 साल पुराने मेगालिथिक संरचनाएं, तमिल ब्राह्मी शिलालेख, जैन बिस्तर और चट्टानों को काटकर बनाए गए मंदिर भी मौजूद हैं।
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