"वृत्ताकार" पैटर्न में नदियाँ एक वलय की तरह प्रवाहित होती हैं। भूमिगत वृत्ताकार शैल संरचनाओं जैसे कि बैथोलिथ्स पर जल निकासी तंत्र संकेंद्रित वलयों की श्रृंखला में विकसित हो सकता है। इस पैटर्न में धाराएँ कमजोर शैल पट्टी के साथ वृत्ताकार या संकेंद्रित मार्ग अपनाती हैं, जिससे यह वलय जैसा दिखता है। उदाहरण - अमरकंटक पठार।
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