"Fixed to Floating" और "Floating to Floating" ब्याज दर स्वैप के प्रकार हैं। Fixed to Floating स्वैप में एक पक्ष निश्चित ब्याज दर का भुगतान करता है और बदलती दर प्राप्त करता है, जो आमतौर पर LIBOR जैसे बेंचमार्क से जुड़ी होती है। Floating to Floating स्वैप में दोनों पक्ष बदलती दरों का आदान-प्रदान करते हैं, जो अक्सर अलग-अलग बेंचमार्क पर आधारित होती हैं। ब्याज दर स्वैप का उपयोग आमतौर पर ब्याज दर जोखिम से बचाव और नकदी प्रवाह प्रबंधन के लिए किया जाता है। वैश्विक बाजार में ब्याज दर स्वैप का बड़ा योगदान है, जहां हर साल खरबों डॉलर के नाममात्र मूल्य के सौदे होते हैं।
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