Q. वल्कनीकरण प्रक्रिया के कारण चिपचिपा प्राकृतिक रबर कठोर और अधिक टिकाऊ हो जाता है। क्यों?
Answer:
बहुलक शृंखलाओं के बीच क्रॉस लिंक बनते हैं
Notes: प्राकृतिक रबर लंबी बहुलक शृंखलाओं से बना होता है। ये शृंखलाएँ स्वतंत्र होती हैं और आसानी से हिल सकती हैं। उदाहरण के लिए, 2-मेथाइल-1,3-ब्यूटाडाइन, जिसे आइसोप्रीन कहा जाता है, लंबी शृंखलाएँ बनाकर प्राकृतिक रबर का निर्माण करता है। इसका रासायनिक सूत्र CH2=C(CH3)CH=CH2 है। प्राकृतिक रबर की ये शृंखलाएँ, जिन्हें पॉली-आइसोप्रीन भी कहा जाता है, इस प्रकार होती हैं:

सल्फर (S8) का रासायनिक सूत्र इस प्रकार है:

वल्कनीकरण की प्रक्रिया का परिणाम नीचे दिए गए चित्र में दिखाया गया है:

इस रासायनिक अभिक्रिया में देखा जा सकता है कि सल्फर अणु रबर में इस प्रकार व्यवस्थित हो जाते हैं कि बहुलक शृंखलाओं के बीच क्रॉस लिंक बनते हैं। ये क्रॉस लिंक सुनिश्चित करते हैं कि शृंखलाएँ स्वतंत्र रूप से न हिलें। परिणामस्वरूप, चिपचिपा प्राकृतिक रबर कठोर और अधिक टिकाऊ हो जाता है।
डिवल्कनीकरण इसकी विपरीत प्रक्रिया है, जिसमें सल्फर अणुओं को रबर अणुओं से अलग किया जाता है।
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