राजतरंगिणी (संस्कृत: "राजाओं की नदी") प्राचीन भारत का ऐतिहासिक वृत्तांत है। यह एक महाकाव्य है जो संस्कृत छंद में कश्मीरी ब्राह्मण और प्राचीन भारतीय विद्वान वर्ग के सदस्य कल्हण द्वारा 1148 में कश्मीर (आधुनिक जम्मू और कश्मीर, भारत का हिस्सा) में लिखा गया था। इसे अपने प्रकार का सबसे अच्छा और प्रामाणिक कार्य माना जाता है।
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