येत्तिनहोले परियोजना कर्नाटक राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसका उद्देश्य येत्तिनहोले (नेत्रवती) से दक्षिण कर्नाटक के सूखाग्रस्त जिलों को पानी उपलब्ध कराना है। इस परियोजना के तहत आठ बांधों का निर्माण प्रस्तावित है, जिससे वनस्पति और जीव-जंतुओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। येत्तिनहोले क्षेत्र पश्चिमी घाट का हिस्सा है और पारिस्थितिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जाता है। यह विभिन्न पौधों, पशु प्रजातियों, पक्षियों, मेंढकों, तितलियों, मछलियों और घोंघों का निवास स्थान है। नदी भूमिगत जलधाराओं, तालाबों और कुओं को पुनर्भरण करती है, जिससे कम ज्ञात प्रजातियों और जलीय जीवों को आश्रय मिलता है। इसलिए, इसके प्रवाह को मोड़ने या तटबंध बनाने से बचना चाहिए।
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