"मार्टिरडम ऑफ द होली क्वीन शुशानिक" जॉर्जियाई साहित्य का हिस्सा है। यह जॉर्जिया का सबसे पुराना संरक्षित साहित्यिक कार्य माना जाता है। इसे 476 से 483 ईस्वी के बीच लिखा गया था और इसका सबसे पुराना उपलब्ध पांडुलिपि संस्करण 10वीं शताब्दी का है, जिसे पार्कहाली मठ में लिखा गया था। इसके लेखक याकूब त्सुर्तावेली (जैकब ऑफ त्सुर्तावी) थे, जो इस घटनाक्रम के समकालीन और सहभागी थे। यह पांडुलिपि आर्मेनियाई कुलीन महिला संत शुशानिक के बलिदान को दर्शाती है, जिन्हें उनके पति बिडाक्से (उच्च राजकुमार) वार्स्केन ने प्रताड़ित किया। वार्स्केन ने ईसाई धर्म छोड़कर जोरोएस्ट्रियन धर्म अपना लिया था, लेकिन शुशानिक, जो आर्मेनिया में ईसाइयों के सैन्य नेता वर्दान मामिकोनियन की पुत्री थीं, ने धर्म परिवर्तन से इनकार कर दिया और वर्षों की कैद व यातना के बाद शहीद हो गईं। इस रचना का पहला मुद्रित संस्करण 1882 में प्रकाशित हुआ था और इसे रूसी, फ्रेंच, अंग्रेजी, जर्मन, स्पेनिश, हंगेरियन और आइसलैंडिक भाषाओं में अनुवादित किया गया है। 1979 में यूनेस्को ने "मार्टिरडम ऑफ द होली क्वीन शुशानिक" की 1500वीं वर्षगांठ को चिह्नित किया।
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