ट्रस्टीशिप सिद्धांत
ट्रस्टीशिप एक सामाजिक-आर्थिक दर्शन है जिसे महात्मा गांधी ने प्रतिपादित किया था। यह अमीर लोगों को ट्रस्ट का संरक्षक बनने का मार्ग प्रदान करता है ताकि वे समाज के कल्याण का ध्यान रख सकें। समाजवादियों ने इस अवधारणा की आलोचना की क्योंकि यह जमींदारों, सामंती राजाओं और पूंजीपतियों के पक्ष में मानी जाती थी।
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