महाकाव्य "रावणवध" के लेखक भट्टि थे, जो 7वीं शताब्दी के एक प्रसिद्ध भारतीय कवि थे। वे अपनी अनोखी शैली के लिए जाने जाते थे, जिसमें प्रेम और महाकाव्य के तत्वों का मिश्रण होता था। उनका काम "भट्टिकाव्य" संस्कृत साहित्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है और यह वाल्मीकि की रामायण के नाटकीय चरमोत्कर्ष और भाषा की क्षमता को समर्पित था। यह उस समय के युद्ध परिदृश्य और राजनीतिक माहौल को भी दर्शाता है।
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