भोपाल ने इंदौर के समान सभी सार्वजनिक स्थानों पर भिक्षा मांगने पर प्रतिबंध लगाया है। जिला कलेक्टर ने भिक्षा मांगने और दान देने दोनों पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 की धारा 163 के तहत कानूनी कार्रवाई हो सकती है। आदेश का पालन न करने पर छह महीने तक की कैद या ₹2,500 तक का जुर्माना हो सकता है। यदि उल्लंघन से खतरा उत्पन्न होता है, तो कैद एक वर्ष तक बढ़ सकती है और जुर्माना ₹5,000 तक हो सकता है। भारत में भिक्षावृत्ति विरोधी कानून के रूप में बॉम्बे प्रिवेंशन ऑफ़ बेगिंग एक्ट, 1959 सबसे पहला था। 2018 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने भिक्षावृत्ति को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया।
This Question is Also Available in:
Englishमराठीಕನ್ನಡ