दादाभाई नौरोजी, जिन्हें 'ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया' कहा जाता था, पारसी बुद्धिजीवी, शिक्षाविद, कपास व्यापारी और शुरुआती भारतीय राजनीतिक व सामाजिक नेता थे। उन्हें "भारत के अनौपचारिक राजदूत" के रूप में भी जाना जाता था। नौरोजी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। उनकी पुस्तक 'पावर्टी एंड अन-ब्रिटिश रूल इन इंडिया' ने भारत की संपत्ति के ब्रिटेन में प्रवाह की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने गुजराती पाक्षिक पत्रिका 'रस्त गोफ्तार' की स्थापना की।
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