मूल अधिकार क्षेत्र
भारत के सर्वोच्च न्यायालय की केंद्र और राज्यों के बीच विवादों को सुलझाने की शक्ति उसके मूल अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आती है। मूल अधिकार क्षेत्र का अर्थ है वह शक्ति जिसके तहत कोई न्यायालय किसी मामले की सुनवाई पहली बार करता है, जबकि अपील अधिकार क्षेत्र में कोई न्यायालय निचली अदालत के फैसले की समीक्षा करता है।
भारत में सर्वोच्च न्यायालय को सरकार और राज्यों के बीच, सरकार और राज्यों के एक पक्ष में तथा एक या अधिक राज्यों के दूसरे पक्ष में या विभिन्न राज्यों के बीच होने वाले सभी मामलों में विशेष मूल अधिकार क्षेत्र प्राप्त है। इसके अलावा, भारतीय संविधान का अनुच्छेद 32 नागरिकों के मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन से जुड़े सभी मामलों में सर्वोच्च न्यायालय को मूल अधिकार क्षेत्र प्रदान करता है।
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