त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक 2025 लोकसभा में पेश किया गया था ताकि गुजरात के ग्रामीण प्रबंधन संस्थान आनंद (IRMA) में भारत की पहली राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय स्थापित की जा सके। इस विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया है और यह सहकारी क्षेत्र में शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य सहकारी संगठनों में प्रबंधकीय, तकनीकी और प्रशासनिक भूमिकाओं के लिए कुशल पेशेवरों का विकास करना है। इसमें डेयरी, मत्स्य, बैंकिंग, ग्रामीण ऋण आदि के लिए विशेष स्कूल होंगे। देशभर में संबद्ध कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। डिजिटल लर्निंग को SWAYAM ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म के साथ समाहित किया जाएगा।
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