केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एम्स नई दिल्ली में भारत के पहले स्वदेशी ऑटोमेटेड बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट "सृजनम्" का उद्घाटन किया। इसे वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद - राष्ट्रीय अंतःविषय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (CSIR-NIIST) द्वारा विकसित किया गया है। इसकी प्रारंभिक क्षमता 400 किलोग्राम प्रतिदिन है और यह प्रतिदिन 10 किलोग्राम अपघटनीय चिकित्सा कचरे को संसाधित कर सकता है। भारत प्रतिदिन 743 टन बायोमेडिकल कचरा उत्पन्न करता है, जो स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है। "सृजनम्" को रोगाणुरोधी प्रभावशीलता के लिए मान्य किया गया है और यह जैविक उर्वरकों की तुलना में अधिक सुरक्षित है।
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